Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं- जरूरत सिर्फ उन्हें तराशने...

छत्तीसगढ़ के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं- जरूरत सिर्फ उन्हें तराशने और अवसर देने की : भूपेश बघेल

66
0
There is no dearth of talent in the children of Chhattisgarh – only need to give them opportunities and opportunities: Bhupesh Baghel
Sahid Veer Narayan Diwas
Spread the love
  • मुख्यमंत्री ने प्रयास आवासीय विद्यालय के प्रतिभावान बच्चों को किया सम्मानित
  • विद्यार्थियों को लैपटाप के लिए 50-50 हजार रूपए के चैक प्रदान किए

रायपुर, 10 दिसम्बर | CM Bhupesh baghel मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है, जरूरत सिर्फ उनकी प्रतिभा को तराशने और उन्हें अच्छे अवसर प्रदान करने की है।

मुख्यमंत्री (CM Bhupesh baghel) आज महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस पर अपने निवास कार्यालय में आयोजित स्वर्गीय राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा प्रयास आवासीय विद्यालय के प्रतिभावान विद्यार्थियों के प्रतिभा सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के प्रारम्भ में शहीद वीर नारायण सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

समारोह में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव, विधायक देवेंद्र यादव, आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव डी.डी.सिंह, आयुक्त शम्मी आबिदी उपस्थित थीं।

उल्लेखनीय है कि वर्ष-2021 में प्रयास आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों में से आईआईटी में 27, एनआईटी एवं समकक्ष शैक्षणिक संस्थानों में 35, सीएस फाऊंडेशन में 5, क्लेट में दो, इंजीनियरिंग कॉलेज में 61 विद्यार्थी सफल हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने सम्मान समारोह में प्रतीक स्वरूप आईआईटी, एन.आई.टी. और समकक्ष शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश प्राप्त करने वाले 10 विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए 50-50 हजार रुपए के चेक प्रदान किए।

इस अवसर पर उन्होंने स्वर्गीय राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा प्रयास आवासीय विद्यालय के वर्ष 2021-22 के प्रगति प्रतिवेदन का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के नक्सल प्रभावित और अनुसूचित क्षेत्रों के छात्रों को राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन के अच्छे अवसर प्रदान करने के लिए 200 सीटों के साथ वर्ष 2010 में प्रयास आवासीय विद्यालय प्रारंभ किए गए थे।

आज प्रदेश में 9 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें सीटों की संख्या बढ़कर 4000 हो गई है। सीटों की संख्या बढ़ने से अब अधिक विद्यार्थियों को अच्छे अवसर मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों में मिले अच्छे अवसर का ही परिणाम है कि अब तक प्रयास आवासीय विद्यालयों से आईआईटी तथा समकक्ष संस्थानों में 97 विद्यार्थियों, एनआईटी तथा ट्रिपल आईटी के समकक्ष संस्थानों में 261, सीए, सीएस, सीएमए में 29, इंजीनियरिंग कॉलेजों में 833, मेडिकल कॉलेज में 39 और क्लेट के माध्यम से 3 विद्यार्थी सफलता प्राप्त कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री (CM Bhupesh baghel) ने कहा कि प्रयास आवासीय विद्यालय के विद्यार्थी आज आईआईटी कानपुर, खड़गपुर, बीएचयू, भुवनेश्वर, आईएसएम धनबाद, मंडी, पटना, आईआईएसटी तिरूवंतपुरम आदि संस्थानों में अध्ययन कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने इस वर्ष सफल हुए सभी विद्यार्थियों बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये विद्यार्थी जिन क्षेत्र से आए हैं, वहां के बच्चों को भी पढ़ाई के लिए प्रेरित करें और जिस संस्थान में वे अध्ययनरत हैं, उसमें अच्छा स्थान प्राप्त कर प्रदेश और विद्यालय का नाम रौशन करें।

मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर वीर नारायण सिंह के दीन-दुखियों और गरीबों के लिए किये गए योगदान को याद करते हुए कहा है कि वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सपूत थे।

शहीद वीर नारायण सिंह सोनाखान के जमींदार थे। वे लोगों के सुख-दुख में सदैव भागीदार रहते थे। वर्ष 1854-55 जब अकाल पड़ा उस समय उन्होंने कसडोल के मालगुजार से अनाज उधार लेकर प्रजा में बांटा।

उन्होंने मालगुजार से कहा कि अगले बरस फसल आने पर अनाज लौटा दिया जाएगा, लेकिन उनकी शिकायत की गई और अंग्रेजों ने उनकी खोजबीन शुरू कर दी।

सोनाखान, सराईपाली और बसना में उनकी अंग्रेजों से मुठभेड़ हुई, जिसमें अंग्रेजों को वापस लौटना पड़ा। बाद में मुखबिर की सूचना पर उन्हें गिरफ्तार कर रायपुर के जयस्तंभ चौक पर फांसी दे दी गई।

इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि प्रयास आवासीय विद्यालय के विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से देश के प्रतिष्ठित संस्थानों आईआईटी, एनआईटी, सीए, सीएस, सीएमए, नेशनल लॉ कॉलेज और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्राप्त करने में सफल हुए हैं।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस विद्यालय से सफल होकर निकले विद्यार्थी आने वाले विद्यार्थियों के लिए सफलता का पथ प्रशस्त करने में प्रेरक का कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रयास विद्यालय में विद्यार्थी नक्सल प्रभावित जिलों और अनुसूचित क्षेत्रों के स्कूलों में पढ़कर चयन द्वारा प्रवेश लेते हैं।

ग्रामीण और आदिवासी अंचलों की पृष्ठ भूमि में पले-बढ़े विद्यार्थियों के लिए उत्कृष्ट कैरियर निर्माण के लिए यह विद्यालय एक बड़ा अवसर और मंच प्रदान करता है।

मंत्री डॉ. टेकाम  ने कहा कि इन विद्यालयों के विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए राष्ट्रीय प्रतिभा खोज, विज्ञान पहेली, गणित एवं विज्ञान ओलम्पियाड जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में भाग लेकर सफलता प्राप्त की है।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के सचिव श्री डी.डी.सिंह ने बताया कि वर्ष 2010 में नक्सल प्रभावित जिलों में अध्ययनरत प्रतिभाशाली बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए इन विद्यालयों की स्थापना की गई।

योजना के प्रारंभ में सुदूर नक्सल  प्रभावित 16 जिलों के हाई स्कूल उत्तीर्ण अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को कक्षा 11वीं और 12वीं स्कूली शिक्षा के साथ-साथ प्रदेश के ख्याति प्राप्त अखिल भारतीय स्तर की तकनीकी, चिकित्सा संस्थानों में प्रवेश दिलाने के उद्देश्य से इसका संचालन किया जा रहा था।

वर्तमान में इस योजना का विस्तार करते हुए अब यह योजना नक्सल प्रभावित जिलों के साथ-साथ राज्य के समस्त अनुसूचित क्षेत्रों के स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए भी लागू कर दी गई है।

इस योजना का लाभ अब 21 जिलांे के अनुसूचित और उप योजना क्षेत्र के विद्यार्थियों को प्राप्त हो रहा है। आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी नेे बताया कि नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवार के बच्चों को इस विद्यालय में सीधे प्रवेश दिया जाता है। इन विद्यालयों से अधिक से अधिक विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षा में सफल हो।

इसके लिए विचार मंथन के बाद रणनीति में परिवर्तन करते हुए शिक्षा सत्र 2021-22 से नव प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए इन विद्यालयों को गणित, जीव विज्ञान और कॉमर्स इत्यादि पाठ्यक्रम के लिए विशेषीकृत किया गया है।

प्रयास आवासीय विद्यालय से आईआईटी में प्रवेशित विद्यार्थी को 40 हजार रूपए प्रति विद्यार्थी प्रति वर्ष प्रोत्साहन स्वरूप और आईआईटी और एनआईटी में प्रवेशित विद्यार्थियों को लैपटाप या लैपटाप के लिए राशि प्रदान की जाती है।