कथा सुनने से जीवन का होता है कल्याण :- वीरेंद्र महाराज
दुर्ग: श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के दूसरे दिन कथावाचक आचार्य वीरेन्द्र महाराज, साजा वाले ने बताया कि संसार में भगवान कृष्ण ही सृष्टि का सृजन, पालन और संहार करते हैं। भगवान के चरणों में जितना समय बीत जाए उतना अच्छा है।
इस संसार में एक-एक पल बहुत कीमती है। जो बीत गया सो बीत गया। इसलिए जीवन को व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। भगवान द्वारा प्रदान किए गए जीवन को भगवान के साथ और भगवान के सत्संग में ही व्यतीत करना चाहिए।
कथा व्यास जी ने बताया कि भगवान की कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं किंतु भगवान के नियम ना तो गलत हो सकते हैं और नहीं बदले जा सकते हैं।
आचार्य वीरेन्द्र जी ने कहा कि भागवत के चार अक्षर इसका तात्पर्य यह है कि भा से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त त्याग जो हमारे जीवन में प्रदान करे उसे हम भागवत कहते है।
“साथ ही श्रीमद् भागवत तो दिव्य कल्पतरु है यह अर्थ, धर्म, काम के साथ साथ भक्ति और मुक्ति प्रदान करके जीव को परम पद प्राप्त कराता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत केवल पुस्तक नही साक्षात श्रीकृष्ण स्वरुप है। इसके एक एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाये हुये है। उन्होंने कहा कि कथा सुनना समस्त दान, व्रत, तीर्थ, पुण्यादि कर्मो से बढ़कर है। कथा सुनकर पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। कथा के मध्य में मेरी लगी श्याम संग प्रीत और मां की ममता के महत्व का भजन सुनकर भक्त आत्मसात हो गये।
आज की कथा मे कथा में श्रीमती तारा पुरोहित, पिंकी संजय पुरोहित, नीतू अजय पुरोहित, रागिनी राजू पुरोहित, शीतल दीपक पुरोहित, किरण पुरोहित, ज्योति पुरोहित, अंजली विकाश पुरोहित, चंचल पुरोहित, हितेश पुरोहित
राधेश्याम शर्मा, मयंक शर्मा, राकेश मिश्रा, श्रीमती शकुन देवी जी, प्रभा दुबे, चंदा शर्मा, मिथला शर्मा, प्रकाश सिन्हा, विक्की शर्मा, राजेश शर्मा एवं सैकडो धर्मप्रेमी उपस्थित थे..