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डार्क वेब पर 81.5 करोड़ भारतीयों का आधार डाटा लीक: रिपोर्ट

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डार्क वेब पर 81.5 करोड़ भारतीयों का आधार डाटा लीक हो गया है। इस डाटा में आधार के साथ पासपोर्ट से जुड़ी जानकारी भी है, जिसमें लोगों की संवेदनशील जानकारी भी मौजूद है। एक रिपोर्ट में अमेरिकी साइबर सिक्योरिटी फर्म रीसिक्योरिटी के हवाले से बताया गया है कि ये डाटा शायद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के जरिए लीक हुआ है। हालांकि, आईसीएमआर की ओर से इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं ‎मिली है। रीसिक्योरिटी की वेबसाइट के मुताबिक ये डाटा पीडब्ल्यूएन 0001 नाम के यूजर की ओर से बेचा जा रहा था। इसमें 81.5 करोड़ भारतीयों की आधार और पासपोर्ट से जुड़ी जानकारी थी। रीसिक्योरिटी की टीम की ओर से हैकर से डाटा खरीदने के लिए संपर्क किया गया तो उसकी ओर से 80,000 डॉलर (करीब 66,60,000 रुपए) मांगे गए। रिपोर्ट में बताया गया कि कैग की ओर से अप्रैल 2022 में यूआईडीएआई में एक जांच की थी, जिसमें पता चला था कि अथॉरिटी की ओर से उसके क्लाइंट और वेंडर्स को प्रभावी तरीके से डाटा की सुरक्षा के लिए रेगुलेट नहीं किया जा रहा है। आधार को सरकार की ओर से 2009 में शुरू किया गया था। इसे भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआइई) की ओर से जारी किया जाता है। एक ब्रोकिंग संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक ये दुनिया का सबसे बायोमैट्रिक आइडेंटिटी कार्यक्रम है। आधार में किसी व्यक्ति की भी संवेदनशीन जानकारियां जैसे नाम, पता, जन्मतिथि और बायोमैट्रिक होते हैं। इस कारण किसी भी जगह मास्क्ड आधार उपयोग करना बेहतर रहता है। इसमें आपका पूरा आधार नंबर नहीं दिखता है और केवल जरूरी जानकारियां ही होती हैं। इसके अलावा अपने आधार डाटा को सेफ रखने के लिए आप बायोमैट्रिक लॉक भी कर सकते हैं।