राजनांदगांव। पदुमतरा में आयोजित रामकथा के तीसरे दिन श्रद्धालु भक्ति रस में डूबे रहे। मंदिर प्रांगण के पास चल रहे संगीतमयी रामकथा में कथावाचक आचार्य श्रीयुत युवराज पाण्डेय जगन्नाथ मंदिर अमलीपदर ने सीता-राम विवाह की कथा सुनाई, जिसे सुनकर श्रोता भाव-विभोर हो उठे। कथा के प्रसंग में आचार्य युवराज पाण्डेय ने बताया कि राजा जनक ने प्रतिज्ञा ली थी, कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी देश के राजा और महाराजाओं को निमंत्रण पत्र भेजा। समय पर स्वयंवर की कार्रवाई शुरू हुई और एक-एक कर लोगों ने धनुष उठाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्रीराम ने धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। राम और सीता का विवाह की आकर्षक झांकी प्रस्तुत की गई। इस दौरान संगीतमयी भजन की दमदार प्रस्तुति हुई, जिसे सुनकर श्रद्धालु झूमने से खुद को नहीं रोक सके।