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उत्तराखंड के वन क्षेत्रों में आग बारिश के बाद काबू में, कुमाऊं-गढ़वाल के जंगलों में अभी भी धधक रही

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देहरादून । उत्तराखंड के वन क्षेत्रों में विकराल रूप ले रही आग बारिश के बाद काबू में आई है। शनिवार शाम को हुई तेज बारिश ने जंगलों को आग से राहत पहुंचाई है। हालांकि कुमाऊं व गढ़वाल मंडलों में अभी भी कुछ जगह जंगलों में आग धधक रही है और मौके पर वन विभाग के अधिकारी आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री ने सभी वन अधिकारियों की छुट्टी रद्द करते हुए 24 अलर्ट रहने के लिए कहा है। इसके साथ ही सीएम धामी ने रेस्पॉन्स टाइम पर काम करने के लिए वन विभाग को आदेश दिए हैं।
सभी प्रभावित जिलों में अग्निशमक व्यवस्थओं को दुरुस्त करने के लिए जिलाधिकारियों, वन विभाग, आपदा प्रबंधन को मुख्यमंत्री ने समन्वय बनाने के लिए निर्देश दिए हैं। शनिवार शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हल्द्वानी में वनाग्नि पर काबू पाने के लिए बैठक में निर्देशों के बाद जिलाधिकारी वंदना ने विभिन्न विभागों को अत्यधिक प्रभावित वन प्रभागों जैसे- नैनीताल वन प्रभाग व हल्द्वानी वन प्रभाग तथा रामनगर वन प्रभाग को आवश्यक मानवीय एवं अन्य संसाधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ अन्य सामुदायिक गतिविधियों को युद्धस्तर पर कराते हुए व्यापक जनजागरूकता बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों हेतु नैनीताल, हल्द्वानी व रामनगर वन प्रभागों को 2-2 राजकीय वाहन उपलब्ध करा दिए हैं। इन वाहनों द्वारा वन विभाग की टीमों ने प्रभावित क्षेत्रों में शीघ्रता से पहुंचकर राहत और बचाव कार्य करना भी शुरू कर दिया है। वहीं नैनीताल जिले के कई हिस्सों में अभी भी आग से जंगल धधक रहे हैं। कई स्थानों पर शनिवार को सेना के हेलीकॉप्टर से आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया था। कई स्थानों पर वन विभाग व स्थानीय पुलिस तथा फायर सर्विस मिलकर आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं। यह आग भीमताल, रानीबाग, ज्योलीकोट, कोटाबाग, बेतालघाट समेत कई जगहों पर धधक रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी व नैनीताल द्वारा समस्त विकास अधिकारियों को अगले 3 दिवसों के भीतर उनके विकास खण्ड की समस्त ग्राम पंचायतों में खुले में कूड़ा न जलाए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव हेतु खुली बैठक करने के लिए आदेश जारी कर दिया है। इन बैठकों में यह प्रस्ताव पारित किया जाएगा कि यदि कोई व्यक्ति खुले में कूड़ा जलाता हुआ पाया जाता है तो उसके विरूद्ध सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं नैनीताल के जिला युवा कल्याण अधिकारी के ओर से डीएम के निर्देश के बाद नैनीताल व हल्द्वानी और रामनगर वन प्रभागों को वनाग्नि नियंत्रण हेतु 50-50 पीआरडी स्वयंसेवक उपलब्ध करवा दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त जिला युवा कल्याण अधिकारी द्वारा ब्लाक कमाण्डर एवं हल्का सरदारों के सहयोग से ग्राम स्तर पर गठित युवक मंगल दल एवं महिला मंगल दलों के माध्यम से जनजागरूकता अभियान जलाए जाने एवं वन क्षेत्राधिकारियों को सहयोग प्रदान किये जाने के लिये निर्देशित किया गया है। जिला विकास अधिकारी नैनीताल द्वारा ग्राम विकास अभिकरण के माध्यम से गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से श्रमदान कर चीड़ के पेड़ों से गिरे पिरुल एकत्र किये जाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।