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सिंधिया बोले- कांग्रेस अंत की ओर, खुद को दीमक की तरह चाट रही है, क्यों कही उपदेश की बात?

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भोपाल । कांग्रेस अपने अंत की ओर बढ़ रही है और वह खुद को ‘दीमक’ की तरह चाट रही है। यह एक ऐसी पार्टी है जो वैचारिक रूप से दिवालिया हो चुकी है, कोई भी उसके साथ नहीं रहना चाहता। कांग्रेस ने कई सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारे हैं और कुछ सीटों पर इनके उम्मीदवार चुनाव की दौड़ से हट गए हैं। यह बातें केंद्रीय मंत्री और गुना लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहीं। ग्वालियर के पूर्व शाही परिवार के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस से अपना 18 साल पुराना रिश्ता तोड़ दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके साथ 22 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफा दिया था, जिससे तत्कालीन 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार गिर गई थी और भाजपा की सत्ता में वापसी हुई थी।

कांग्रेस अपना ट्रैक रिकॉर्ड देखे

व्यस्त चुनाव प्रचार के बीच गुना से शिवपुरी जाते समय ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बात की। भाजपा सत्ता में लौटी तो संविधान बदल देगी सवाल पर सिंधिया ने कहा- कांग्रेस विचारधारा के मामले में दिवालिया हो गई है। कोई भी कांग्रेस के साथ नहीं रहना चाहता, पार्टी में किसी के लिए कोई मान-सम्मान नहीं है। उन्होंने कहा, जिस पार्टी ने चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त करने के लिए अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए) का 91 बार इस्तेमाल किया। जिस पार्टी के प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश जाने से पहले वहां का मुख्यमंत्री बदल दिया था, जिस पार्टी ने देश में आपातकाल लगाया था वह अब हमें संविधान पर सबक दे रही है। चुनाव में अपने ही उम्मीदवार डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को हराने वाली पार्टी देश को दलितों और संविधान के मुद्दों पर उपदेश दे रही है। उसे अपने ट्रैक रिकॉर्ड देखना चाहिए। सिंधिया ने कहा कि संविधान भाजपा का धर्मग्रंथ है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी खुद कहा है कि किसी में भी संविधान को बदलने की हिम्मत नहीं है। बता दें कि 30 अप्रैल को मप्र के भिंड में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि अगर भाजपा सत्ता में लौटती है तो वह गरीबों, दलितों और अनुसूचित जाति को अधिकार देने वाले संविधान को फाड़कर फेंक देगी।

कांग्रेस अपने अंत की ओर बढ़ रही है

सिंधिया ने कहा कि शुक्रवार सुबह तक स्पष्ट नहीं था कि अमेठी और रायबरेली से कौन चुनाव लड़ रहा है। इंदौर और सूरत लोकसभा सीटों से कांग्रेस उम्मीदवार चुनावी दौड़ से पीछे हट गए हैं। कई सीटों पर कोई उम्मीदवार नहीं हैं, जबकि कई अन्य पर वे अभी तक घोषित नहीं कर पाए है। कांग्रेस अब अपने अंत की ओर बढ़ रही है और दीमक की तरह है जो खुद को चट कर रही है। बता दें कि कांग्रेस ने शुक्रवार को राहुल गांधी के रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने का एलान किया। इस सीट से पिछले दो दशकों से उनकी मां सोनिया गांधी चुनाव लड़ रही थीं।

प्रदेश की 29 सीटों पर खिलेगा कमल

2019 के मुकाबले लोकसभा चुनाव 2024 के पहले दो चरणों में मतदान कम होने को लेकर सिंधिया ने कहा कि मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों पर कमल खिलेगा। क्योंकि, लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र पर पूरा भरोसा है।

दो चरणों में कम मतदान

चुनाव आयोग के मुताबिक लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मप्र में 66.14 फीसदी और दूसरे चरण में 66.71 फीसदी मतदान हुआ है। इससे पहले 2019 में पहले चरण में 69.43 फीसदी और दूसरे चरण में 69.64 फीसदी मतदान हुआ था।

पिछला चुनाव हारे थे सिंधिया

सिंधिया छठी बार गुना सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने पिछले पांच चुनावों में से चार में जीत हासिल की है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सिंधिया मौजूदा भाजपा सांसद और अपने पूर्व विश्वासपात्र केपी यादव से हार गए। यादव ने सिंधिया को 1.25 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। गुना लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटें शामिल हैं। इनमें शिवपुरी, कोलारस, पिछोर, बमोरी, गुना (एससी), अशोक नगर (एससी), चंदेरी और मुंगावली जो तीन जिलों (गुना, अशोकनगर और शिवपुरी) में फैली हुई हैं। 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा ने छह सीटें और कांग्रेस ने दो सीटें जीतीं थी। गुना में 18,83,202 मतदाता हैं, जिनमें 9,80,683 पुरुष, 9,02,471 महिलाएं और 48 तृतीय लिंग के व्यक्ति शामिल हैं। यहां तीसरे चरण में सात मई को मतदान होना है।