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जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता जरूरी : राज्यपाल श्री डेका

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राज्यपाल ने पर्यावरण संवर्धन हेतु सभी से एक पेड़ लगाने का किया आह्वान

राज्यपाल ने महासमुंद में ली अधिकारियों की बैठक

रायपुर

राज्यपाल श्री रमेन डेका ने जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता पर जोर देते हुए पर्यावरण संवर्धन के लिए सभी से एक पेड़ लगाने का आह्वान किया है। राज्यपाल श्री डेका ने आज जिला पंचायत महासमुंद के सभाकक्ष में आयोजित प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में यह  विचार व्यक्त किया।
राज्यपाल ने बैठक में महासमुंद जिले में विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के अलावा सामाजिक हितों के लिए जिले में किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि सरकार की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। जनकल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से इसका लाभ जन-जन तक पहुंचता है। उन्होंने अधिकारियों को दायित्वों का निर्वहन कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और समर्पण की भावना से करने कहा। राज्यपाल श्री डेका ने एजेण्डावार विषयों पर समीक्षा की साथ ही इस पर प्रशासनिक अधिकारियों को सुझाव भी देने को कहा।
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि जल संवर्धन और संरक्षण के लिए सभी शासकीय कार्यालयों में अनिवार्य रूप से वाटर हार्वेस्टिंग लगाया जाए। यह सुनिश्चित करें कि वर्षा का जल संरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शासकीय अधिकारी और कर्मचारी मानवीय संवेदना को ऊपर रखकर कार्य करें। केन्द्र और राज्य सरकार के सभी फ्लैगशिप योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से किया जाए। योजनाएं तभी कारगर है जब इसका लाभ आम जनता को मिले। उन्होंने कहा कि हमें प्रधानमंत्री के ‘एक पेड़ मां के नाम’ पर आह्वान को घर-घर पहुंचाना चाहिए। उन्होंने अपील किया कि प्रत्येक घरों में एक-एक पेड़ अवश्य लगाएं। राज्यपाल ने कहा कि वन विभाग पीपल, गुलमोहर, आम जैसे अन्य छायादार और फलदार पौधें उपलब्ध कराएं। इन्हें सुरक्षित रखते हुए सामुदायिक सहभागिता भी सुनिश्चित करें। उन्होंने औषधीय पौधे लगाने के भी निर्देश भी दिए।
राज्यपाल ने अधिकारियों को नियमित तौर पर फील्ड विजिट करने के भी निर्देश दिए हैं। टी.बी. मुक्त भारत अभियान की समीक्षा के दौरान कहा कि हमें यह विश्वास दिलाना होगा कि टी.बी. जैसे बीमारी को अब जड़ से खत्म किया जा सकता है। इसके लिए मितानिन और आशा दीदीयों का सहयोग लिया जाए। उन्होंने सहकारिता के माध्यम से किसानों को जोड़ने और समिति का संचालन करने के निर्देश दिए। ग्रामीणों को इसमें जोड़कर क्रियाशील करना आवश्यक है। इस अवसर पर जिले की 10 बिहान महिला स्व-सहायता समूहों की लखपति दीदीयों ने हस्तनिर्मित सामग्री राज्यपाल को भेंट किया। राज्यपाल श्री डेका ने महिला समूहों के कार्यां की सराहना करते हुए कहा कि वे भविष्य में उनके कार्यां का अवलोकन करने जरूर आएंगे।
इस अवसर पर विधायक श्री योगेश्वर राजू सिन्हा, पूर्व राज्य मंत्री श्री पूनम चंद्राकर, पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, नागरिक एवं बड़ी संख्या में प्रशासनिक अधिकारियों उपस्थित थे।