प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को 2025 के महाकुंभ के लिए शहर के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं में सुधार के लिए 5,500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करने से पहले संगम नोज पहुंचे और पूजा की। प्रधान मंत्री ने गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के पवित्र संगम पर औपचारिक पूजा और दर्शन के साथ यात्रा शुरू की। पूजा से पहले मोदी ने नदी की यात्रा की। पूजा में प्रधानमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
मोदी ने कहा कि प्रयागराज में संगम की इस पावन भूमि को मैं श्रद्धापूर्वक प्रणाम करता हूं। महाकुंभ में पधार रहे सभी साधु-संतों को भी नमन करता हूं। महाकुंभ को सफल बनाने के लिए दिनरात परिश्रम कर रहे कर्मचारियों का, श्रमिकों और सफाईकर्मियों का मैं विशेष रूप से अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि विश्व का इतना बड़ा आयोजन, हर रोज लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत और सेवा की तैयारी, लगातार 45 दिनों तक चलने वाला महायज्ञ, एक नया नगर बसाने के महा अभियान के माध्यम से प्रयागराज की इस धरती पर एक नया इतिहास रचा जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये एकता का ऐसा महायज्ञ होगा, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी। मैं इस आयोजन की भव्य और दिव्य सफलता की आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि हमारा भारत पवित्र स्थलों और तीर्थों का देश है। ये गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी और नर्मदा जैसी अनगिनत पवित्र नदियों का देश है। उन्होंने कहा कि इन नदियों के प्रवाह की जो पवित्रता है, इन अनेकानेक तीर्थों का जो महत्व है, जो महात्म्य है, उनका संगम, उनका समुच्चय, उनका योग, उनका संयोग, उनका प्रभाव, उनका प्रताप ये प्रयाग है। प्रयाग वो है, जहां पग-पग पर पवित्र स्थान हैं, जहां पग-पग पर पुण्य क्षेत्र हैं।
उन्होंने कहा कि इसलिए मैं फिर एक बार कहता हूं कि ये महाकुंभ, एकता का महायज्ञ है। जिसमें हर तरह के भेदभाव का आहुति दी जाती है। यहां संगम में डुबकी लगाने वाला हर भारतीय एक भारत-श्रेष्ठ भारत की अद्भुत तस्वीर प्रस्तुत करता है।