Home छत्तीसगढ़ रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की आजीविकामूलक गतिविधियों से ग्रामीण महिलाओं का परिवार में...

रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की आजीविकामूलक गतिविधियों से ग्रामीण महिलाओं का परिवार में बढ़ रहा सम्मान

24
0
Spread the love

रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में संचालित आजीविकामूलक गतिविधियों से हम महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो रही हैं, रोजगार और आमदनी का साधन मिलने से परिवार में हमारा सम्मान बढ़ा है। यह उद्गार आज गौठानों में काम कर रही स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से वर्चुअल चर्चा के दौरान व्यक्त किए। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना का प्रदेशव्यापी शुभारंभ करते हुए प्रदेश के 300 गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का वर्चुअल भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने जांजगीर-चांपा जिले के जर्वे, बेमेतरा जिले के अमलडीह, कांकेर जिले के सराघू नवगांव, बलौदाबाजार के लटुवा और रायगढ़ के डोंगीतराई गांव के गौठान में उपस्थित महिलाओं और युवाओं से चर्चा कर वहां संचालित गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने रीपा के रूप में विकसित किए जा रहे जांजगीर चांपा जिले के जर्वे गौठान की श्रीमती सरस्वती से बातचीत की। सरस्वती ने बताया कि उनके गौठान में 40 महिलाएं कार्य कर रही हैं, महिला समूह पहले वर्मी खाद बना रही थीं, अब रीपा के माध्यम से अन्य गतिविधियां भी संचालित की जाएंगी। जिला पंचायत सीईओ ने मुख्यमंत्री को बताया कि एक करोड़ की राशि प्रति रीपा दी जा रही है। यहां आजीविकामूलक 4 गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, मशरूम पालन, अचार-पापड़, बड़ी बनाने का कार्य किया जा रहा है। राजीव मितान क्लब के श्री गजेंद्र सिदार जी ने कहा कि वे ऑफ्सेट प्रिंटिंग यूनिट यहां लगायेंगे। जांजगीर चांपा से चरवाहा श्री मयाराम ने बताया कि 1 लाख 4 हजार का गोबर बेचा है, पैसे से घर बनाया है, वे भूमिहीन हैं, भूमिहीन न्याय योजना की राशि मिल रही है।
बेमेतरा के अमलडीहा की सविता ने बताया कि रीपा के तहत हमें रोजगार मिल रहा है, ईंट और फेनसिंग पोल बनाने का कार्य कर रही हैं। इस जिले के चार विकासखण्डों में 8 रीपा बनाए जा रहे हैं। संसदीय सचिव श्री गुरूदयाल सिंह बंजारे भी यहां उपस्थित थे। कांकेर में 14 रीपा इकाई का आज उद्घाटन हो रहा है, इस जिले के सराधुनवागांव में गोबर से पेंट बनाने की इकाई का लोकार्पण किया गया। कांकेर जिले के सराधुनवागांव गौठान की नैना धनकर ने मुख्यमंत्री को बताया कि गोठान में 2 साल से महिलाएं काम कर रही हैं, गोबर से पेंट बनाने का कार्य अब रीपा में करेंगी, मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जमीन लीपने के काम गोबर आता था, अब दीवार पेंट करने के काम गोबर आएगा, नैना ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि उनके गांव में इतने काम हो रहे हैं, पहले घर तक सीमित थी महिलाएं, अब घर में भी सम्मान मिल रहा है, आत्मविश्वास बढ़ा है। नेमि निषाद ने मुख्यमंत्री को रीपा योजना के लिए धन्यवाद दिया, उनकी आर्थिक स्थिति इस योजना से सुधरेगी। इस गौठान में विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मनोज मण्डावी भी उपस्थित थे।
बलौदाबाजार में 10 रीपा की स्थापना की जा रही है, इस जिले के लटुवा गौठान के नेमि वर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे टमाटर कैचप बनाएंगी, मुख्यमंत्री ने उन्हें शुभकामनाएं दी। उन्होंने अब वे लोग बारदाना और मिट्टी का बर्तन भी बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष लगभग 110 लाख मेट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी। यदि रीपा में बारदानें का उत्पादन होता है, तो पूरे बारदानें सरकार द्वारा खरीदे जाएंगे। उन्होंने कहा कि दूसरे गौठानों में भी बारदानें बनाने की गतिविधि प्रारंभ होनी चाहिए। इससे शासकीय जरूरत पूरी होगी। साथ ही रोजगार और आय के साधन भी बढ़ेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन और छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा भी उपस्थित थे।
रायगढ़ में 14 रीपा शुरू किये जा रहे हैं, इस जिले के डोंगीतराई गौठान के सदस्य श्री पटेल ने मुख्यमंत्री को बताया कि गौठान में अभी सब्जी लगाये हैं, 1-1.5 लाख का वर्मी खाद बेच चुके हैं, रायगढ़ के पर्यटन स्थलों में रीपा के तहत पर्यटकों की रुकने आदि की व्यवस्था के कार्य करेंगे।
रायगढ़ की सरस्वती पटेल ने बताया कि गोठान में 16 समूह जुड़े हैं, दाल, आटा और वर्मी खाद उत्पादन का कार्य कर रहे हैं, 10 हज़ार अंडा उत्पादन का कार्य रीपा के तहत करेंगी साथ ही आटा मिल का विस्तार करेंगी, मुख्यमंत्री ने सरस्वती को शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि आटा मिल भी वे लोग लगाना चाहते हैं।