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कर्मचारियों को सातवें वेतनमान में गृहभाड़ा भत्ता की घोषणा आंदोलन की बड़ी उपलब्धि : फेडरेशन

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राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिला संरक्षक मुकुल साव, जिलाध्यक्ष पीआर झाड़े, पीएल साहू, जितेंद्र बघेल, बृजभान सिन्हा, सीएल चंद्रवंशी, वीरेंद्र रंगारी, रंजीत कुंजाम, देवचंद बंजारे, शिवप्रसाद जोशी, खोमलाल वर्मा, राजेंद्र देवांगन, जनक तिवारी, हेमंत पांडे, लीलाधर सेन, पुष्पेंद्र साहू, संजीव मिश्रा, ईश्वरदास मेश्राम, सोहन निषाद, अब्दुल कलीम खान, स्वाति वर्मा, नवीन कुमार पांडे, उत्तम डड़सेना, रानी ऐश्वर्य सिंह, संगीता, यशस्विनी तिवारी, प्रेमलता मंडावी, पायल देवांगन, विनोद, वंदना, छाया तिवारी, अभिषिकता फदीयाल, सुधा सिंह, सुनील बंछोर, एमबी जलानी, डीएस कंवर एवं केएल जोशी का कहना है कि कर्मचारियों को सातवें वेतनमान में शहरी वर्गीकरण के अनुसार 9 प्रतिशत एवं 6 प्रतिशत गृहभाड़ा देने मुख्यमंत्री की विधानसभा में घोषणा, कर्मचारी आंदोलन की बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2019 के स्थिति में केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों को एक समान 12 प्रतिशत के दर पर महंगाई भत्ता था जो कि जुलाई 2023 के स्थिति में एक समान 42 प्रतिशत हुआ है, लेकिन 1 जुलाई 2019 से 30 जून 2023 तक केंद्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता नहीं मिलने से कर्मचारियों को अत्याधिक आर्थिक नुकसान हुआ है, जिसका समाधान राज्य सरकार को करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि गृहभाड़ा भत्ता को सातवें वेतनमान के स्थान पर छटवें वेतनमान में स्वीकृत किये जाने से कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा था। जिसके कारण कर्मचारी उद्वेलित थे। शासकीय आवास से वंचित एवं निजी मकान नहीं होने के कारण किराये के मकान में भारी भरकम किराया देकर रहने विवश थे, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा सातवे वेतनमान में गृहभाड़ा भत्ता स्वीकृत करने की घोषणा से कर्मचारी परिवार लाभान्वित हुआ है। उन्होंने गृहभाड़ा भत्ता में वृद्धि का विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि न्यूनतम मूलवेतन 15600 रूपये में पहले 10 प्रतिशत के दर पर 607 रूपये तथा 7 प्रतिशत में 425 रूपये मिलता था, जो कि अब 9 प्रतिशत में 1404 रूपये एवं 936 रूपये मिलेगा। वृद्धि 797 रूपये एवं 511 रूपये हुआ है। वृद्धि का दर 131 प्रतिशत से अधिक है।
मूलवेतन 20000 रूपये में पहले 778 रूपये एवं 545 रूपये मिल रहा था जो कि अब बढ़कर 1800 रूपये एवं 1200 रूपये होगा। वृद्धि 1022 रूपये एवं 655 रुपयों का है।
मूलवेतन 25000 रूपये में पहले 973 रूपये एवं 681 रूपये अब 2250 रूपये एवं 1500 रूपये वृध्दि 1277 रूपये एवं 819 होगा। मूलवेतन 30000 रूपये में पहले 1167 रूपये एवं 817 रूपये अब 2700 रूपये एवं 1800 रूपये वृध्दि 1533 रूपये एवं 983 रूपये होगा।
मूलवेतन 40000 रूपये पहले 1556 रूपये एवं 1089 रूपये अब 3600 रूपये एवं 2400 रूपये वृध्दि 2044 रूपये एवं 1311 रूपये होगा। मूलवेतन 50000 रूपये पहले 1946 रूपये एवं 1362 रूपये अब 4500 रूपये एवं 3000 रूपये वृध्दि 2554 रूपये एवं 1638 रूपये होगा। मूलवेतन 60000 रूपये पहले 2335 रूपये एवं 1634 रूपये अब 5400 रूपये एवं 3600 रूपये वृध्दि 3065 रूपये एवं 1966 रूपये होगा। मूलवेतन 70000 रूपये पहले 2724 रूपये एवं 1907 रूपये अब 6300 रूपये एवं 4200 रूपये वृध्दि 3576 रूपये एवं 2293 रूपये होगा। मूलवेतन 80000 रूपये पहले 3113 रूपये एवं 2179 रूपये था अब 7200 रूपये एवं 4800 रूपये वृध्दि 4087 रूपये एवं 2621 रूपये होगा। मूलवेतन 90000 रूपये में पहले 3502 रूपये एवं 2451 रूपये था अब 8100 रूपये एवं 5400 रूपये वृध्दि 4598 रूपये एवं 2949 रूपये होगा। मूलवेतन 100000 रूपये में पहले 3891 रूपये एवं 2724 रूपये मिलता था, जो कि अब 9000 रूपये एवं 6000 रूपये वृध्दि 5109 रूपये एवं 3276 रूपये होगा। गौरतलब है कि 1 मई 2022 से जुलाई 2023 तक 14 माह में के दरम्यान हुए एक दिवसीय-निश्चित कालीन-अनिश्चित कालीन आंदोलन-हड़ताल के फलस्वरूप कर्मचारियों के वेतन में कुल मिलाकर 31 से 34 प्रतिशत का वृद्धि हुआ है। साथ ही 1 जनवरी 2016 से 7 साल 6 महीनों बाद कर्मचारियों को गृहभाड़ा भत्ता सातवे वेतन में देने का घोषणा हुआ है, जो कि कई मायनों में फायदेमंद है। फेडरेशन का कहना है कि गृहभाड़ा भत्ता एवं महंगाई भत्ता में हुए वृद्धि का लाभ वेतन मद से वेतन पाने वाले सभी कर्मचारियों को मिलेगा।