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भिलाई इस्पात संयंत्र में पेयजल उपचार प्रक्रिया मानकों के अनुरूप, जल वितरण प्रणाली में कोई त्रुटि नहीं

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भिलाई

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र, भिलाई टाउनशिप को मानक मानदंडों के अनुरूप सुरक्षित पेयजल आपूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है। भिलाई इस्पात संयंत्र ने अपने प्रयासों से बारम्बार सिद्ध किया है कि संयंत्र के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) में उपचार की प्रक्रिया निर्धारित मानकों के अनुरूप है। डब्ल्यूटीपी में जल उपचार प्रक्रिया के संचालन में तकनीकी रूप से कोई त्रुटि नहीं है और यह सुविधा टाउनशिप को स्वच्छ और शुद्ध पेयजल आपूर्ति करने में पूरी तरह सक्षम है। घरों में आपूर्ति किए जाने वाले पानी के मापदंडों की जांच के लिए संयंत्र के नगर सेवा विभाग के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी अनुभाग द्वारा नियमित अंतराल पर आवासीय क्षेत्रों से नमूने भी लिए जाते हैं।

भिलाई इस्पात संयंत्र के जलशोधन संयंत्र में वाटर ट्रीटमेंट हेतु प्रयोग की जाने वाली उपचार और केमिकल डोजिंग की प्रक्रिया राज्य व नगर निगमों के पेयजल उपचार संयंत्रों द्वारा अपनाई जाने वाली मानक उपचार प्रक्रियाओं के समान है। मरोदा स्थित पेयजल उपचार संयंत्र (डब्ल्यूटीपी) में उपचारित पेयजल की शुद्धता आईएस 10500ः2012 में निर्धारित पेयजल के मानकों की पुष्टि करता है।

भिलाई इस्पात संयंत्र को भिलाई टाउनशिप और संयंत्र में पेयजल आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु राॅ-वाटर की आपूर्ति छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा विभिन्न बांधों और जलाशयों के माध्यम से की जाती है। इन जलाशयों से आने वाले राॅ-वाटर को भिलाई इस्पात संयंत्र के मरोदा-2 जलाशय में संग्रहित किया जाता है। राॅ-वाटर पम्पहाउस में राॅ-वाटर को प्री-क्लोरीनेटेड कर मरोदा स्थित जलशोधन संयंत्र में पंप किया जाता है, जहां इस राॅ-वाटर में केमिकल काग्यूलेशन के लिए ग्रेड 4 एलम मिलाया जाता है। इसके पश्चात पानी को स्ट्रेट फ्लो टाइप सेडीमेंटेशन टैंक से गुजारा जाता है और फिर रैपिड ग्रेविटी सैंड फिल्टर में फिल्टर किया जाता है। फिल्टेªशन के बाद उपचारित पानी को पोस्ट क्लोरीनेशन प्रक्रिया के लिए क्लोरीन के साथ मिलाया जाता है।

उपचारित पेयजल में जीवाणुओं के पनपने की किसी भी प्रकार की संभावना को समाप्त करने के लिए उपचारित जल में अवशिष्ट क्लोरीन की निगरानी हर दो-तीन घंटे में की जाती है। राॅ और उपचारित पेयजल की जांच इनलेट राॅ-वाटर के आधार पर दिन में कम से कम दो या उससे अधिक बार की जाती है ताकि आईएस 10500ः2012 में निर्धारित पेयजल के मानकों के अनुसार पेयजल की गुणवत्ता बनाए रखी जा सके। विभिन्न शिफ्टों में कार्यरत प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा चौबीसों घंटे केमिकल व क्लोरीन की मात्रा की जांच और निगरानी सुनिश्चित की जाती है। डब्ल्यूटीपी में उपचारित पेयजल की गुणवत्ता प्रासंगिक आईएस मानकों के मानदंडों की पुष्टि करती है। पेयजल के सभी महत्वपूर्ण पैरामीटर जैसे मैलापन, कठोरता, अवशिष्ट क्लोरीन आदि को आईएस द्वारा निर्धारित मानको के अनुरूप रखा जाता है। पेयजल हेतु निर्धारित मापदंड पर खरा उतरने के बाद ही इसकी आपूर्ति की जाती है।

उपचारित जल को भिलाई टाउनशिप के विभिन्न क्षेत्रों में वितरण के लिए टाउनशिप के वितरण नेटवर्क में पंप किया जाता है। भिलाई टाउनशिप को स्वच्छ जल की आपूर्ति के लिए बीएसपी के जल प्रबंधन विभाग द्वारा सभी प्रयास किए जाते हैं, वहीं

नगर सेवाएं विभाग भी घरों से एकत्रित नमूनों की समय-समय पर जांच करके आवासीय क्षेत्रों में आपूर्ति की जाने वाली जल की गुणवत्ता के बारे में कड़ी निगरानी रखता है।

टाउनशिप के निवासियों से निराधार व भ्रामक जानकारी फैलाने से बचने की अपील करते हुए, नगर सेवाएं विभाग के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने स्पष्ट किया है कि पीएचई की प्रयोगशाला में सेक्टर-4 से लिए गए नमूनों की जांच से पता चला है कि पानी की रासायनिक संरचना मानदंडों के अनुसार है, तथा यह पानी पीने के लिए सुरक्षित है। भिलाई नगर निगम और बीएसपी के पीएचई विभाग दोनों ने सेक्टर-4 से नमूने लिए थे। क्लोरीन के स्तर के लिए पानी के नमूनों की मौके पर जांच भी की गई थी। 18 जुलाई 2024 को सेक्टर-4 के आठ अलग-अलग घरों से नमूने लिए गए थे, जिनमें से दो घरों से दोबारा नमूना लिया गया था। पीएचई प्रयोगशालाओं में नमूनों के परीक्षण से यह सिद्ध हो गया है कि पानी पीने के लिए उपयुक्त और सुरक्षित है।

सेक्टर-4 क्षेत्र में जलापूर्ति वितरण पाइपलाइनों में भी कोई खराबी नहीं पायी गई है। भिलाई नगर निगम के कमिश्नर सहित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पाइपलाइनों के माध्यम से जल वितरण प्रणाली की जाँच के दौरान यह स्पष्ट हो गया।

जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने टाउनशिप के निवासियों को आश्वस्त किया कि पेयजल आपूर्ति निर्दिष्ट मानदंडों के अनुरूप सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए जाते रहेंगे। नगर सेवाएं विभाग के पीएचई अनुभाग ने निवासियों से अपील की है कि पानी से संबंधित किसी भी तरह की शिकायत हेतु पीएचई विभाग से सीधे संपर्क करें।